भारत में ऐसी बहुत सारी जगहें स्थित हैं, जिनके रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है, और इसलिए यह अजीबो-गरीब जगहें हर ट्रेवलर को अंपनी ओर आकर्षित करती हैं। आज के इस लेख मैं भारत के 5 ऐसे स्थानों के बारे मैं जानेगे जो बहुत ही अद्भुत और आश्चर्यजनक यानी Mysterious Places in India.
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Mr Fact Confidence |
भारतवर्ष, जो अपनी विविधता, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। भारत में आपको खानपान से लेकर त्योहारों व भौगोलिक दृष्टिकोण से भी विविधता देखने को मिलेगी। लेकिन भारत के संबंध में बस इतना कहना ही पर्याप्त नहीं है। भारत एक विश्व विख्यात देश है जो अपने इतिहास के लिए जाना जाता है। यहां पर ऐसी कई जगहें हैं, जो बेहद ही रहस्यमयी हैं, और पूरी ही दुनिया से टूरिस्ट इन जगहों पर घूमने आते हैं। इन अजीबो-गरीब जगहों के पीछे की वास्तविक सच्चाई के बारे में आज तक कोई पता नहीं लगा पाया। हालांकि, हर किसी ने अपने अनुसार, कुछ थ्योरी जरूर पेश की हैं, लेकिन उन थ्योरी के पीछे कोई ठोस सबूत आज तक मिल पाए हैं।
तो चलिए आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी ही अजीबो-गरीब व रहस्यमयी जगहों के बारे में बताते है, जो यकीनन आपको भी काफी आकर्षित और रोमांचित करेंगी।
Mysterious Places in India – भारत के सबसे रहस्यमई स्थान
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आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी(हेंगिंग पिलर)
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Lepakshi |
भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के लेपाक्षी में बना भगवान शिव का यह मंदिर अपने आप में काफी रहस्यमई है,ये भारत एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक और ऐतिहासिक स्थलों मै से एक है, लेपाक्षी वास्तुकला और चित्रकला के लिए दुनिया भर मैं जानी जाती है। यहां पर भगवान शिव को समर्पित मंदिर अपने प्रसिद्ध फ्लोटिंग पिलर के कारण भारत के सबसे रहस्यमय स्थानों में से एक है।बाबा भोलेनाथ के इस मंदिर के 70 स्तंभों में से एक स्तंभ हवा में लटका हुआ है, अर्थात यह बिना किसी सहारे के मौजूद है।
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शनि सिंगनापुर, महाराष्ट्र
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Shani Shignapur |
महाराष्ट्र मैं स्थित एक छोटा सा गांव शनि सिंगनापुर जो अहमदनगर से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, ये गावं अपने शनि मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन सिर्फ यही मंदिर ही इस स्थान को रहस्यमयी नहीं बनाता, बल्कि अपने धार्मिक कारणों के कारण यह भारत में आने वाले सबसे रहस्यमय स्थानों में से एक है। इस गांव की खासियत यह है कि इस गांव के किसी भी घर, स्कूल और यहां तक कि किसी कमर्शियल बिल्डिंग में एक भी दरवाजा नहीं है।
इतना ही नहीं, दरवाजा ना होने के बावजूद यहां कभी एक भी अपराध की सूचना दर्ज नहीं हुई है। इसके पीछे कारण है कि ग्रामीणों का भगवान शनि पर अटूट विश्वास है और उनका मानना है कि गाँव में कोई भी अपराध न होना, भगवान शनि देव ही देन है। यहाँ के लोग कभी अपने घरो पर दरबाजा नहीं लगाते।
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कोडिन्ही, जुड़वां बच्चों का गावं
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Kodinhi |
केरल का एक गांव है, कोडिन्ही जो केरल की राजधानी कोझीकोड से सिर्फ 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां पर लगभग 2,000 परिवारों का घर है। ये परिवार हर साल बड़ी संख्या में जुड़वा बच्चों को जन्म देते हैं। यहां पर पहली बार जुड़वां बच्चों का जन्म 1949 में हुआ और तब से लेकर अब तक यह संख्या समय के साथ बढ़ती रही। वर्तमान में, गाँव में 200 से अधिक जुड़वां हैं।
इस घटना के कारणों को जानने के लिए डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कई अध्ययन किए। लेकिन, अभी तक वो किसी भी सटीक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं। हालांकि ऐसा माना जाता है कि पानी की केमिकल कंपोजिशन के साथ-साथ क्षेत्र की महिलाओं का आहार भी इसका संभावित कारण हो सकता है।
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रामसेतु, तमिलनाडु
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Ramsetu |
रामसेतु जिसे एडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, इसका इतिहास से जुड़े पन्नों का अपना एक आध्यात्मिक महत्व है। इस ब्रिज का उल्लेख रामायण में भी मिलता है। यह पानी के उपर बना एक ऐसा ब्रिज है, जिसे 15 वीं शताब्दी तक चलकर आसानी से ब्रिज को पार किया जा सकता था। हालांकि, इस पुल के निर्माण में पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, इसके बारे में आज तक कोई नहीं जानता।
इसके अलावा यह ब्रिज प्राकृतिक है या मानव निर्मित, इसे लेकर भी अक्सर बहस होती है। रामायण के अनुसार इस पुल को भगवान श्री राम ने बनवाया था। जिसे वानर जाती के नल और नीर नाम के महान योद्धाओं और श्रीराम की बानर सेना ने मिलकर बनाया था। जो भगवान राम की सेना में सम्मिलित थे। जब रावन माता सीता को छल से अपने साथ लंका लेगया तब भगबान राम ने इस पुल को लंका मैं प्रवेश करने हेतु बनवाया था।
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कुलधरा गांव, राजस्थान
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Kuldhara |
राजस्थान में स्थित कुलधरा नाम का एक गांव है, जिसकी कहानी बड़ी ही अजीबोगरीब है, बताया जाता है, कि कुलधरा गांव की आबादी कभी 1500 हुआ करती थी, लेकिन एक दिन रातों रात सभी लोग गायब हो गए । तब से लेकर आज तक कोई उस गांव में नहीं बस पाया है। लोग दावा करते हैं कि यह गांव करीब 200 सालों से वीरान पड़ा है। यह गांव जैसलमेर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुछ बुजुर्ग बताते हैं की गांव को 1291 में “पालीवाल” पंडितों नाम के व्यक्ति द्वारा बसाया गया था। और अब से लगभग 200 साल पहले एक दिन अचानक लोग रात में गायब हो गए, तब से ही लोग इस गांव को भुतिया कहते हैं।
इस गावं मैं रहने वाले पंद्रहसौ लोग रातो रत कहा गायव हो गये, इस बात का पता आज तक नहीं चल पाया, गावं के लोग कहां चले गए यह रहस्य आज तक बना हुआ है। आज भी खंडित मकान दुकान इस चीज का सबूत है, की कभी यहाँ हँसते खेलते सेकड़ो परिवार रहते थे। तब से ही कुलधरा एक विरान और खंडित परिस्थिति मैं पड़ा है।